Political Jokes, Shayari, Quotes and Status in Hindi
कागज के इंसानो पर आग की निगरानी है,
अंधी सत्ता के हाथों मासूमो को जान गवानी है।
इसलिए भारत का ये हाल हैं,
किसान बेहाल हैं,
नेता माला-माल हैं।
सियासत इस कदर आवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती हैं।
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए।
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं।
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये।
आये हो जबसे मियाँ सब वाकई खतरे में है।
हिन्दू- मुस्लिम, देश, सेना सबको ले के आ गए,
मुद्दआ इतना था उनकी गुंडई खतरे में है।
हाशमी गर है इधर तो है तिवारी भी उधर,
कुल मिलाकर आदमी से आदमी खतरे में है।
अपने रंगों के उजाले सारे लेकर आ गए,
एक ही मकसद था सबका तीरगी खतरे में है।
आप अपने आप ही खतरे के नीचे आ गए,
कुल वजह इतनी कि अपना मुँहबली खतरे में है।
साथ वाले देख लेना जब मुसीबत आएगी,
इस तरह गुजरेंगे जैसे अजनबी खतरे में है।
तुम, अब गांव में ही बस जाना..
दो सूखी रोटी खाना..
पर वापस ना आना !!
हम, तुम्हें दीन-हीन,
ग़रीब, बेचारा कहते हैं ना..
खुद घरों में घुसकर,
तुम्हे सड़कों पर भूखा, पैदल छोड़ते हैं ना..
बस तुम वापस न आना !!
यकीन मानना..
यह सारे शब्द बदलेंगे..
बेचारा कौन है, हम यकीनन समझेंगे !!
Polical Jokes
हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं,इसलिए भारत का ये हाल हैं,
किसान बेहाल हैं,
नेता माला-माल हैं।
सियासत इस कदर आवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती हैं।
Political Quotes
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए।
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं।
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये।
Polical Shayari
कंगनों की बात क्या है आरसी खतरे में है।आये हो जबसे मियाँ सब वाकई खतरे में है।
हिन्दू- मुस्लिम, देश, सेना सबको ले के आ गए,
मुद्दआ इतना था उनकी गुंडई खतरे में है।
हाशमी गर है इधर तो है तिवारी भी उधर,
कुल मिलाकर आदमी से आदमी खतरे में है।
अपने रंगों के उजाले सारे लेकर आ गए,
एक ही मकसद था सबका तीरगी खतरे में है।
आप अपने आप ही खतरे के नीचे आ गए,
कुल वजह इतनी कि अपना मुँहबली खतरे में है।
साथ वाले देख लेना जब मुसीबत आएगी,
इस तरह गुजरेंगे जैसे अजनबी खतरे में है।
Poem on Politics in Hindi
सुनो..तुम, अब गांव में ही बस जाना..
दो सूखी रोटी खाना..
पर वापस ना आना !!
हम, तुम्हें दीन-हीन,
ग़रीब, बेचारा कहते हैं ना..
खुद घरों में घुसकर,
तुम्हे सड़कों पर भूखा, पैदल छोड़ते हैं ना..
बस तुम वापस न आना !!
यकीन मानना..
यह सारे शब्द बदलेंगे..
बेचारा कौन है, हम यकीनन समझेंगे !!
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